सऊदी अरब में दो दिन तक 4.0 भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिस वजह से लोगों में थोड़ी सी चिंता बढ़ गई है।भारत के लाखों लोग वहां काम करते हैं। ये झटके 4 और 5 अप्रैल 2025 में महसूस किया गया था। विशेषज्ञों के मुताबिक़, ये भूकंपीय गतिविधि अरेबियन टेक्टोनिक प्लेट के मूवमेंट की वजह से हुई है।
Earthquake सऊदी अरब में कब और कहाँ आया?
मिडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहला झटका 4 अप्रैल 2025 को तक़रीबन सुबह 02:39 बजे पर रिकॉर्ड किया गया। ये भूकंप सऊदी अरब के, जुबैल शहर से 55 किलोमीटर दूर, तीव्रता 4.0 के साथ आया। सऊदी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने इसकी पुष्टि की है कि ये एक मामूली झटका था, और इसमें कोई बड़ा नुक्सान नहीं हुआ। दूसरा झटका भी अगले दिन के दौरन महसूस किया गया, लेकिन उसकी तीव्रता थोड़ी कम थी। दोनों घटनाओं ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया।
ज़लज़ला के झटके का क्या कारण है
भूकंप विज्ञानियों का कहना है कि Arabian plate aur Eurasian plate की टक्कर की वजह से ये झटके आए हैं। ये टेक्टोनिक हलचल नेचुरल है, और इसके कारण से छोटे-मोटे भूकंप आते रहते हैं। सऊदी अरब के पूर्वी तट के पास ये गतिविधि ज़्यादा देखी गई, लेकिन अधिकारियों ने कहा है कि स्थिति नियंत्रण में है और घबराने की ज़रूरत नहीं है।
Earthquake से सऊदी अरब में कितना नुकसान हुआ है
Saudi Geological Survey के प्रवक्ता ने कहा, “यह मामूली झटका था, और सऊदी सीमाएँ अभी भी सुरक्षित हैं।” कोई हताहत या संपत्ति के नुकसान की खबर नहीं आई है, जो एक बड़ी राहत की बात है। फिर भी, विशेषज्ञों लोगों को जागरूक रहें और आपातकालीन प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह दें। सऊदी अधिकारियों ने लोगों को आश्वासन दिया है कि ये छोटा सा कार्यक्रम था और सुरक्षा उपाय पहले से ही जगह पर हैं।
सऊदी अरब आगे क्या करेगा
अभी के लिए, वैज्ञानिक इस क्षेत्र की निगरानी कर रहे हैं ताकि भविष्य में कोई बड़ी गतिविधि हो तो उसका पता चल सके। सऊदी अरब में ऐसे भूकंप दुर्लभ होते हैं, लेकिन ये घटना एक अनुस्मारक है कि प्रकृति कभी भी आश्चर्यचकित कर सकती है। अगर आप वहां रहते हैं, तो थोड़ी सी तैयारी और जागरूकता रखें।