सोने-चांदी की कीमत इन दिनों बढ़ रही है, भारत में शादियों का सीजन भी शुरू होने वाला है और लोग जानना चाहते हैं कि क्या अब सोना सस्ता होगा या महंगा और इसके पीछे क्या कारण है।
Gold and silver महंगे क्यों हो रहे हैं?
- Global economic का दबाव:
पूरी दुनिया में महंगाई और आर्थिक अनिश्चितता है। जब शेयर बाजार या मुद्राएं अस्थिर हो जाती हैं, तो लोग सोने और चांदी जैसे सुरक्षित निवेश की ओर भागते हैं। इससे मांग बढ़ती है और कीमत बढ़ती है। - Dollar की Value:
सोना और चांदी की अंतरराष्ट्रीय बाजार में ट्रेडिंग अमेरिकी डॉलर में होती है। अगर डॉलर कमजोर होता है तो सोने और चांदी की कीमतें बढ़ जाती हैं। आज कल डॉलर के उतार-चढ़ाव का भी एक बड़ा कारण है। - Supply Chain Issues:
खनन और रिफाइनिंग में दिक्कत आने से सप्लाई कम हो जाती है। जब आपूर्ति कम होती है और मांग अधिक होती है, तो जाहिर तौर पर कीमत आसमान छूती है। - Geopolitical तनाव:
रूस-यूक्रेन युद्ध या Middle East में तनाव जैसे वैश्विक मुद्दे भी सोने और चांदी को महंगा बना रहे हैं। लॉग इन करें मुश्किल समय में सोना चांदी पर भरोसा करते हैं।
सोना-चाँदी कब सस्ते होंगे?
यह अनुमान लगाना थोड़ा मुश्किल है, क्योंकि बाजार कई कारकों पर निर्भर करता है। लेकिन कुछ शर्तों के तहत कीमतें नीचे आ सकती हैं:
Economic Stability: अगर global economy स्थिर हो जाए और inflation कंट्रोल में रहे, तो सोने और चांदी की मांग घट सकती है।
Dollar मजबूत होना: जब अमेरिकी डॉलर की कीमत बढ़ेगी, तो सोने और चांदी की कीमतें आमतौर पर गिरती हैं।
Supply Improve: यदि mining और उत्पादन सुचारू हो जाए तो आपूर्ति बढ़ जाएगी और कीमत पर दबाव कम हो जाएगा।
Interest Rates: यदि भारतीय रिजर्व बैंक या US Federal Reserve जैसे केंद्रीय बैंक ब्याज दरें बढ़ाते हैं, तो लोग सोने की जगह बचत या बांड में निवेश कर सकते हैं, जिससे मांग में कमी आ सकती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि geopolitical tensions कम हो जाता है और 2025 में अर्थव्यवस्था में सुधार होता है, तो कुछ राहत मिल सकती है। लेकिन कम समें के लिए ही दाम में कमी आएगी, कीमतें ऊंची बनी रहने की संभावना अधिक है।
Conclusion: अब क्या करें?
gold and silver की कीमत कब गिरेगी, ये सटीक बोलना मुश्किल है, लेकिन बाजार के रुझान को समझ कर आप अपनी निवेश योजना बना सकते हैं। अगर आप निवेश करना चाहते हैं, तो थोड़ी रिसर्च और धैर्य रखें। और अगर आप खरीदार हैं, तो छोटी मात्रा में खरीदारी करें जो आप के लिए बेहतर रहे, जब तक कीमतें स्थिर न हो जाएं।