रमज़ान का महीना, जो ईमान, इबादत, और रहमत का महीना है, Saudi Arabia में 1 march 2025, शनिवार से शुरू हो रहा है। सऊदी अरब की चांद देखने वाली कमेटियों ने रमजान का चांद देख लिया है, जिसकी वजह से वहां पहला रोजा 1 मार्च को रखा जाएगा। भारत में रमज़ान का पहला रोज़ा एक दिन बाद, 2 मार्च 2025, रविवार से शुरू होगा, क्योंकि यहाँ चाँद दिखाई देने में एक दिन की देर होती है।
Saudi Arabia में रमज़ान 2025 का चाँद देखा गया
सऊदी अरब के सुप्रीम कोर्ट ने 28 फरवरी 2025, शुक्रवार की शाम को रमज़ान का चाँद देखा कि रस्मी घोषना की। इसके बाद से ही सऊदी अरब और दुनिया भर के मुसलमानों ने रमज़ान की तैयारी शुरू कर दी है। सउदी अरब, जो इस्लाम का जन्मस्थान है और जहां मक्का और मदीना जैसा मुकद्दस शहर है, उसका चांद देखने के लिए दुनिया भर के मुसलमान बहुत महत्व रखते हैं।
Saudi Arabia mein pehla roza 1 March 2025, Saturday को रखा जाएगा। सुबह सहरी के साथ रोज़ा शुरू होगा और शाम को इफ्तार के साथ ख़त्म होगा। इसके साथ ही मस्जिद में तरावीह की नमाज भी शुरू हो जाएगी, जो रमजान की रातों में पढ़ी जाती है।
India Mein Ramadan 2025 का पहला रोज़ा 2 मार्च को
भारत में रमज़ान का चांद सऊदी अरब से एक दिन बाद दिखता है, इसलिए यहां पहला रोज़ा 2 march 2025, रविवार को रखा जाएगा। भारत की सेंट्रल रुएत-ए-हिलाल कमेटी चांद देखने के बाद रस्मी घोषना करेगी।
भारत के मुसलमान भी अपने सऊदी भाइयों की तरह सुबह सहरी से लेकर शाम इफ्तार तक रोजा रखेंगे। रमजान का ये महीना ना सिर्फ रोजो का है, बल्कि कुरान की तिलावत, जकात और दुआओं का भी है। इस महीने में लोग अपने गुनाहों से तौबा करते हैं और अपने रब से क़ुर्बत हासिल करते हैं।
Ramadan Moon Sighting का क्या महत्व है?
रमज़ान का चांद देखना एक अहम और रूहानी अमल है। ये नहीं सिर्फ एक महीने की इबादत का अग़ाज़ है, बल्कि ये एक नई शुरुआत का भी प्रतीक है। सउदी अरब का चांद दिखना इसलिए भी खास है क्योंकि दुनिया भर में मुल्क से इसी तरह के मुताबकि रमज़ान शुरू होते हैं।