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Waqf Bill 2025 passed: सरकार क्या बदलाव लाना चाहती है?

3 अप्रैल 2025 को, लोकसभा ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को पारित कर दिया है, और अब इस विधेयक पर राज्यसभा में चर्चा हो रही है। ये बिल वक्फ अधिनियम, 1995 में बड़े बदलाव लाने के लिए बनाया गया है, जो भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को नियंत्रित करता है। लेकिन सवाल ये है कि सरकार इसमें क्या बदलाव चाहती है और इसके पीछे उनका मकसद क्या है? चलिए इसको डिटेल में समझते हैं।

वक़्फ़ बिल क्या है?

वक़्फ़ एक इस्लामी अवधारणा है जिसमें कोई संपत्ति धार्मिक या दान देने के उद्देश्य के लिए समर्पित की जाती है। एक बार संपत्ति वक्फ बन जाती है, तो उसको न बेचा जा सकता है, न उपहार दिया जा सकता है, और न ही विरासत में दिया जा सकता है। भारत में वक्फ बोर्ड के पास 8.7 लाख संपत्तियां हैं, जो 9.4 लाख एकड़ में फैली हुई हैं, और ये सशस्त्र बल और भारतीय रेलवे के बाद तीसरा सबसे बड़ा जमींदार है।

वक्फ अधिनियम, 1995 के तहत ये संपत्तियों का प्रबंधन होता है, लेकिन सरकार का कहना है कि सिस्टम में पारदर्शिता कम है और कुप्रबंधन होता है। इसलिए वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 लाया गया है।

सरकार इस विधेयक में क्या बदलाव करना चाहती है?

मोदी सरकार इस विधेयक के ज़रिए क्या बदलाव लाना चाहती है? इस विधेयक में प्रस्तावित कुछ प्रमुख बदलाव इस प्रकार हैं:

Non-Muslims को वक्फ बोर्ड में जगह

सबसे बड़ा बदलाव यही है कि अब वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों को भी शामिल किया जाएगा। बिल के मुताबिक़, केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों में एक गैर-मुस्लिम सीईओ और दो गैर-मुस्लिम सदस्य होंगे। सरकार का कहना है कि ये पारदर्शिता और बेहतर प्रबंधन के लिए है, लेकिन विपक्ष इसको लेकर धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप बोल रही है.

Property Declare करने की प्रक्रिया सख्त

अब कोई भी संपत्ति ऐसी ही वक्फ संपत्ति पर प्रतिबंध नहीं लगा सकती। पहले वक्फ बोर्ड के पास शक्ति थी कि वह किसी भी संपत्ति को वक्फ घोषित कर दें, लेकिन अब ये दावे सत्यापित किये जायेंगे। जिला कलेक्टरों को अधिकार दिया जाएगा कि वे वक्फ में संपत्ति की जांच करें या नहीं। ये कदम अतिक्रमण और अवैध दावों को रोकने के लिए है।

महिलाओं के अधिकारों की हिफाजत करना

इस विधेयक में एक नया प्रावधान है जो महिलाओं के उत्तराधिकार अधिकारों की रक्षा करता है। अब किसी भी वक्फ की घोषणा करने से पहले यह सुनिश्चित किया जाएगा कि विधवाओं, तलाकशुदा महिलाओं और अनाथों के अधिकारों की रक्षा की जाए। यह मुस्लिम महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उठाया गया एक प्रगतिशील कदम है।

Waqf by User को खतम करना

पहले अगर कोई संपत्ति वक्फ के लिए उपयोग होती थी, तो उसको वक्फ मान लिया जाता था, चाहे औपचारिक घोषणा न हो। अब ये ‘वक्फ बाय यूजर’ कॉन्सेप्ट खत्म हो जाएगा। सिर्फ वही संपत्ति वक्फ होगी जो आधिकारिक तौर पर घोषित हो जाएगी, ताकी विवाद कम हो।

Centralized Registration और Technologyका उपयोग

वक्फ संपत्तियों का एक केंद्रीकृत पोर्टल बनेगा जिसमें सारी संपत्तियों का रजिस्टर होगा। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और रिकॉर्ड डिजिटल रूप से प्रबंधित होंगे। ये कदम कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए है।

सरकार का मकसद क्या है?

सरकार का कहना है कि ये बिल वक्फ सिस्टम को ओवरहाल करने के लिए है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और गृह मंत्री अमित शाह ने बहस में कहा कि ये बिल मुस्लिम समुदाय के पक्ष में है, ना कि उनके खिलाफ। उनका तर्क है कि वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता लाने से गरीब मुसलमानों को असली लाभ मिलेगा, जो अब तक माफिया-प्रकार के लोगों के हाथों में था।

अमित शाह ने लोकसभा में कहा, “वक्फ बोर्ड के पास 1913 से 2013 तक 18 लाख एकड़ थी, लेकिन 2013 के बाद 21 लाख एकड़ और जुड़ गई। ये दुरुपयोग को दिखता है।” सरकार चाहती है कि वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग हो और ये समाज कल्याण के काम आएं।

मुसलमान और विपक्ष का क्या कहना है?

विपक्ष, जैसे कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और टीएमसी, बिल के खिलाफ हैं। उनका कहना है कि ये बिल असंवैधानिक है और मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर हमला है। राहुल गांधी ने एक्स पार लिखा, “ये बिल मुसलमानों को हाशिये पर धकेलने वाला है और उनके संपत्ति अधिकार छीनने का हथियार है।” AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी कहा कि ये वक्फ शासन को कमजोर करेगा।

विपक्ष का मुख्य मुद्दा यह है कि गैर-मुसलमानों को वक्फ बोर्ड में डालने से धार्मिक स्वायत्तता खत्म होती है, जो संविधान के अनुच्छेद 26 के खिलाफ है।

Waqf Bill के साथ आगे क्या होगा?

अब बिल राज्यसभा में है, जहां एनडीए के पास थोड़ी सी बहुमत है (लोकसभा में 293 सांसद, जबकी 272 चाहिए)। अगर ये पास हो जाता है, तो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सहमति के बाद ये कानून बन जाएगा। लेकिन विरोध और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने इसके खिलाफ विरोध करेगी।

Conclusion:और आप की राय

Waqf Bill, 2025 एक विवादास्पद विषय बन गया है। सरकार इसे पारदर्शिता और न्याय का मार्ग बता रही है, जबकि विपक्ष इसे धार्मिक अधिकारों पर हमला बता रहा है। आपको क्या लगता है? क्या यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के लिए फायदेमंद है या विभाजनकारी? हमें टिप्पणियों में बताएं!

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